ए साई तेरा कूछ जादु कर दे,
मेरे भाई को जल्दी ठीक कर दे!
नही देखा जाता उसका तडपना,
बिस्तर पे बेबस असहाय लेटे रहना!
कहना तो बहोत कुछ है वो चाहता,
अफसोस कोई नही उसकी सून पाता!
मे भी तो उसके लिये कुछ नही कर पायी,
मुसिबत मे हमेशा साई तेरी ही याद आयी!
फिर से पैरों पे खडा हो जाये मेरा भाई,
रहुंगी उम्र भर शुक्रगुजार मै तेरी साई!
इतना सा मेरे मालिक एहसान कर दे,
भक्त की बस अब अपने लाज रखले!
- संतोषी
No comments:
Post a Comment